Tuesday, October 9, 2012

ये है अक्षरौटी पत्रिका । ये है लिंक। देखिये और अपने सुझाव दीजिये। ये पत्रिका बिलकुल अव्यावसायिक है। सिर्फ इन्टरनेट पर संचालित है अभी। पहला अंक 2007 में हार्ड कॉपी में आया था । उसके बाद बंद हो गई थी। हमने इसे पुनर्जीवित किया है । आपके सहयोग की भी ज़रूरत है । 100 रुपये वार्षिक शुल्क मात्र। 

1 comment:

  1. बधाई , आपके प्रयत्न फलीभूत हों !

    ReplyDelete

Popular Posts